लखनऊ, सितम्बर 26 -- लखनऊ, विधि संवाददाता। सरकारी वकीलों की नियुक्ति मामले में दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई कर रही दो जजों की खंडपीठ ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया है। न्यायालय ने कहा है कि उक्त मामले को मुख्य न्यायमूर्ति से आदेश प्राप्त कर किसी अन्य बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाय। इसी के साथ न्याय मित्र नियुक्त किए गए, गौरव मेहरोत्रा के अनुरोध करने पर, उन्हें भी न्यायालय ने न्याय मित्र के दायित्वों से मुक्त कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने महेंद्र सिंह पवार व अन्य की ओर से वर्ष 2017 व 2022 में दाखिल याचिकाओं पर पारित किया है। याचिकाओं में हाईकोर्ट में नियुक्त होने वाले सभी सरकारी वकीलों अधिवक्ताओं की नियुक्ति प्रकिया को पारदर्शी बनाने व सभी आम अधिवक्ताओं को भी इस प्रकिया में शामिल होने ...