लखनऊ, मार्च 3 -- सरकारी योजनाओं के तहत रोजगार के लिए बैंकों से ऋण लेने के लिए आवेदकों को बिचौलियों की मदद लेनी पड़ रही है। बिचौलिए के नेटवर्क के आगे किसी की नहीं चल रही है। छोटे जिलों के बैंकों में तो इन बिचौलियों का बोलबाला है। बैंक में आवेदन होते ही बिचौलियों का यह गिरोह सक्रिय हो जाता है और आवेदक से सम्पर्क करने लगता है। यह खुलासा सीबीआई के हत्थे चढ़े बैंक अफसरों व बिचौलियों से पूछताछ में हुआ है। दावा किया जा रहा है कि सीबीआई के रडार पर ऐसे कई बिचौलिए हैं, जिनकी गिरफ्तारी कुछ साक्ष्य हाथ लगते ही कर ली जाएगी। सीबीआई ने जब पिछले महीने बहराइच में एक किसान को सरकारी योजना के तहत ऋण देने के लिए 25 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए आर्यावर्त बैंक के मैनेजर प्रिंस गुप्ता और बिचौलिए को पकड़ा तो इस नेटवर्क का खुलासा हुआ था। इस दौरान सीबीआई की एंटी करप...