बगहा, अगस्त 24 -- बेतिया शहर में अलग-अलग कपड़ों की सिलाई करने वाले टेलर मास्टरों की संख्या लगभग ढाई हजार से अधिक है। शहर में इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद भी इन कारीगरों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पारंपरिक और पाश्चात्य डिजाइन पर आधारित रेडीमेड और ब्रांडेड कपड़ों के फलते-फूलते कारोबार के कारण टेलरिंग का काम करने वाले कारीगरों को कई बार मंदी का भी सामना करना पड़ता है। काम नहीं मिलने के कारण कई बार इन्हें आंशिक भूखमरी के दौर से भी गुजरना पड़ता है। इस परिस्थिति में इन कारीगरों को अपने परिवार का गुजर बसर करना अथवा बच्चों की शिक्षा और बेहतर परवरिश के लिए नियमित आय के साधन को उपलब्ध करना भी मुश्किल हो जाता है। अपने इस काम को और विस्तारित करने के लिए टेलरिंग का काम करने वाले इन कारीगरों के पास पूंजी के अभाव में इन्हें कच्चे...
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