विधि संवाददाता, दिसम्बर 10 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेल दुर्घटना में जान गंवाने वाले दंपती के नाबालिग अनाथ बच्चे को अनुग्रह राशि देने से इनकार करने पर गंभीर टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति अजीत कुमार एवं न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों से जिम्मेदाराना व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है लेकिन इस मामले में उनका व्यवहार नीति का मजाक उड़ाने जैसा है। खंडपीठ को बताया गया कि याची के माता-पिता की रेल दुर्घटना में मृत्यु होने का कोई सबूत नहीं है इसलिए भुगतान नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इस दलील पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि राज्य का यह कहना पूर्ण रूप से अस्वीकार्य है। कोर्ट कहा कि हमारे विचार से यह उन लोगों द्वारा नीति का मजाक उड़ाने जैसा है जो राज्य विभाग के मामलों के शीर्ष पर हैं। जब केंद्र सरकार ने दस्तावेजों के आधार...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.