प्रयागराज, सितम्बर 2 -- प्रयागराज वरिष्ठ संवाददाता सरकारी विभागों की कार्यशैली भी गजब है। एक आदमी खुद को जीवित साबित करने के लिए दो साल तक दफ्तरों के चक्कर काटता है इसके बाद भी उसका काम नहीं होता। जिलाधिकारी की जनसुनवाई में पहुंचकर जब वह खुद को जीवित साबित करने की गुहार लगाता है तब उसे दस्तावेजों में जिंदा किया जाता है। ये कहानी बहादुरपुर ब्लॉक के पाली करनपुर निवासी 80 वर्षीय सुकरू की है। जो समाज कल्याण विभाग से वृद्धावस्था पेंशन के पात्र हैं। उनके खाते में पेंशन जा भी रही थी और 2023 में अचानक पेंशन नहीं आई। बुजुर्ग ने जब समाज कल्याण विभाग में गुहार लगाई तो बताया कि बैंक से केवाईसी नहीं हुई होगी। बैंक से केवाईसी कराई पर पेंशन फिर भी नहीं आई। कभी समाज कल्याण विभाग तो कभी ग्राम प्रधान और सचिव के यहां चक्कर लगाते-लगाते सुकरू परेशान हो गए। पि...