सिमडेगा, मार्च 27 -- सिमडेगा, प्रतिनिधि। जिले की कई लोक नृत्‍य जैसे डमकच, झुमईर, चांवर पैंका नृत्‍य आदि मौजूद हैं। जो पूर्व में हर त्योहारों के खास मौकों पर लोगों द्वारा अपने समुदाय में प्रस्तुत किया जाता था। समय के साथ लोक कला को कलाकारों द्वारा लोगों के मनोरंजन के लिए मंच पर प्रस्तुत किया जाने लगा। लेकिन आज इस कला को सीखने वालों की संख्या में गिरावट आई है। वहीं सरकार द्वारा भी ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण ये कला पीढ़ी दर पीढ़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है। हालांकि जिले की कई युवतियों में चांवर पाईका नृत्‍य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इधर ठेठ नागपुरी, नागपुरी एवं आधुनिक गीत गाने के प्रति भी युवाओं में रूझान बढ़ा है, लेकिन इसका महत्व और इतिहास के बारे में वे भी अवगत नहीं हैं। जिसके कारण पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत में अन्य शैलियों को ज...