नई दिल्ली, सितम्बर 17 -- माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन को पत्र लिखकर केंद्र द्वारा अपनी आधिकारिक ईमेल सेवाओं और प्रमाणीकरण का प्रबंधन एक निजी समूह को सौंपने के फैसले पर चिंता जताई। ब्रिटास ने कहा है कि यह संसदीय संचार की स्वतंत्रता, गोपनीयता और निष्पक्षता के बारे में चिंताएं पैदा करता है। उन्होंने दावा किया कि 50 लाख सरकारी ईमेल इनबॉक्स का प्रबंधन निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। माकपा नेता ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि ऐसे समय में जब साइबर सुरक्षा और डाटा चोरी की रोकथाम महत्वपूर्ण है, सांसदों और सरकारी अधिकारियों की आधिकारिक ईमेल प्रणाली एक निजी संस्था को सौंपी जा रही है। इससे राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) की भूमिका गौण हो गई है। उन्होंने इसे भाजपा की विचारधारा आगे बढ़ाने की कवायद के रूप में पेश किय...