नई दिल्ली, जुलाई 23 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि कोई भी व्यक्ति सरकारी आवास को अनिश्चितकाल तक अपने कब्जे में नहीं रख सकता। कोर्ट ने इस संदर्भ में बिहार के एक पूर्व विधायक को राहत देने से इनकार कर दिया। सरकारी आवास को लेकर यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शीर्ष अदालत ने अपने ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ के आधिकारिक आवास को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की थी।क्या है बिहार के पूर्व विधायक का मामला? अदालत ने बिहार के पूर्व विधायक अविनाश कुमार सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने पटना के टेलर रोड स्थित सरकारी बंगले में दो साल तक अवैध रूप से रहने के एवज में 21 लाख रुपये का पेनल रेंट भरने से राहत मांगी थी। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति ए...