गिरडीह, जून 29 -- पीरटांड़, प्रतिनिधि। जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर जी में वर्षाकालीन चातुर्मास को लेकर साधु-साध्वियों का जुटान शुरू हो गया है। इस वर्ष भारी संख्या में साधु साध्वी मधुबन में वर्षाकालीन चातुर्मास मनाएंगे। सम्मेदशिखर पारसनाथ की धरती मधुबन में वर्षाकालीन चातुर्मास के लिए लगातार साधु साध्वी का प्रवेश हो रहा है। चातुर्मास अर्थात चार महीने तक जैन संत एक ही स्थान में रहकर साधना आराधना करते हैं। बताया जाता है कि शाश्वत तीर्थ सम्मेदशिखर जी में जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों के अलावा अनगिनत साधु संत साधना आराधना कर मोक्ष को प्राप्त किया है। देश भर में शांति व अहिंसा का संदेश देनेवाला मोक्षभूमि पारसनाथ में वर्षाकालीन चातुर्मास का विशेष महत्व है। यूं तो जैन संत देशभर में विचरण ...