नई दिल्ली, अक्टूबर 28 -- मकान-दुकान या जमीन बेचकर अमेरिका जाने वाले युवकों को जब हथकड़ियां लगाकर डिपोर्ट कर दिया गया तो उनके सारे सपने चकनाचूर हो गए। पैतृक संपत्ति गंवाकर भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा। उसके ऊपर अमेरिकी प्रशासन ने हथकड़ियां लगाकर उनके सम्मान को ऐसी चोट पहुंचाई है जिसे भूलना मुश्किल हो रहा है। अमेरिका से हरियाणा लौटने वाले 54 युवकों में 16 करनाल के और 14 कैथल के रहने वाले थे। शनिवार को ये सभी युवक दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। मामूली फॉर्मैलिटि के बाद रविवार को उन्हें उनके परिवारवालों को सौंप दिया गया।बेच दी जमीन और दुकान 20 साल के रजत पाल ने बताया कि उनके पिता की संगोही में मिठाई की दुकान थी। 26 मई को रजत अपने परिवार की आशाओं का बोझ लादे अमेरिका की ओर रवाना हुए थे। हालांकि यह रास्ता सीधा नहीं था। उन्हें जंगल के रास्ते पैदल लंबा सफ...