देवरिया, मई 10 -- बरहज, हिन्दुस्तान संवाद। 1857 में पैना में शहीद हुए रणबांकुरों के परिजनों को शुक्रवार को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने कहा कि देश के 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में ग्राम पैना के शहीदों के योगदान को बुलाया नहीं जा सकता। पैना भारतीय इतिहास की अनमोल धरोहर है। उन्होंने कहा कि जब मां भारती परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ी कराह रही थी तब पैना के रणबांकुरों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। सैकडों वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी तो महिलाओं ने गोरी हुकूमत के उत्पीड़न से बचने के लिए नदी में कूद कर जल जौहर किया। भारतीय इतिहास में चित्तौड़ के बाद पैना के जल जौहर की चर्चा मिलती है। आज देश आतंकवाद और विघटनकारी तत्वों से लड़ रह...