बांका, अक्टूबर 12 -- बांका,नगर प्रतिनिधि बिहार के बांका जिले के समुखिया गांव में स्थित भद्रकाली मंदिर स्थानीय लोगों के लिए सिर्फ पूजा‑स्थल नहीं, बल्कि विश्वास, संस्कृति और समुदाय की पहचान भी है। इस मंदिर का इतिहास की जड़ें जितनी गहरी है, इसकी आस्था उतनी ही मजबूत है। मंदिर से जुड़ी कहानियाँ, मान्यताएँ और वर्तमान गतिविधियाँ समाज की धड़कन बन गई हैं। माता भद्रकाली के इस मंदिर के पुराने ग्रंथों, दस्तावेज़ों या किसी लिखित साक्ष्य का अभाव है, जिससे इसकी स्थापना की तिथि और निर्माण की जानकारी अब तक प्रमाणित नहीं हो सकी है। जैसे‑जैसे समय बीत रहा है, मंदिर के रख‑रखाव और पूजा‑स्थल की सुविधाएँ समाज में बेहतर बनाने की लगातार मांग हो रही है। यदि सरकार इस मंदिर पर ध्यान देती है तो बांका जिला में एक और धरोहर के संरक्षित होने की संभावना बढ़ जायेगी। मंदिर के ...