गंगापार, अगस्त 12 -- मांडा, हिन्दुस्तान संवाद। मांडा के आठों समितियों के यूरिया खाद उपलब्ध है, लेकिन अधिकारियों द्वारा खतौनी और आधार कार्ड सत्यापन के बाद ही किसानों को खाद देने का आदेश समिति संचालकों व किसानों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। साथ ही एक बोरी यूरिया खाद के साद एक पैकेट नैनो यूरिया लेने की बाध्यता से भी किसान परेशान हैं। इस समय किसानों को खेती के लिए यूरिया की सख्त जरूरत है, मांडा के आठों समितियों में यूरिया खाद उपलब्ध भी है, लेकिन जिले के अधिकारियों का आदेश है कि किसानों को तभी खाद दिया जाए, जब किसान अपने खेत की खतौनी और आधार कार्ड लेकर समिति पर आए। खाद उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनके नाम खेत की खतौनी है। तमाम ऐसे बुजुर्ग किसान हैं, जिनके नाम खेत की खतौनी तो है, लेकिन वे समितियों पर अपने बेटे, भाई या परिजनों को भेजकर खाद मंगा लेत...