मेरठ, अक्टूबर 14 -- अमेरिका ने मानवाधिकार एवं महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया है। मीडिया ने खाप पंचायत का दुष्प्रचार किया, जबकि उनके द्वारा सामाजिक व्यवस्था और नैतिक मूल्यों का संरक्षण होता रहा है। चौ. चरण सिंह विवि के राजनीति विज्ञान विभाग एवं भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में 'मीडिया, लोकतंत्र और भारत विषय पर हुई संगोष्ठी में यह बात इग्नू में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर प्रो. सतीश कुमार ने कही। दीपक बहुगुणा ने स्वस्तिवाचन किया। जामिया मिलिया इस्लामिया विवि के आचार्य नेल्सन मंडेला शांति अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर डॉ.असलम खान ने कहा कि भारत में आलोचना को हमेशा महत्व दिया गया है, परंतु विमर्श के जरिए पत्रकारिता ने लोकतंत्र कमजोर किया है। यूजीसी से प्रो. दिव्या उपाध्याय जोशी ने कहा कि लोक ग...