बलरामपुर, अप्रैल 7 -- विडंबना हर्रैया सतघरवा, संवाददाता। स्थानीय थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायतों के विभिन्न गांवों में वर्षों से देखरेख के अभाव में सार्वजनिक स्थल पर निर्मित कुओं अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। तमाम ऐसे कुएं हैं जिनके मुंह को लोहे की जाली अथवा सीमेंट ढक्कन बनाकर ढक दिया गया है। वहीं कइयों को पाटकर उस पर ग्रामीणों ने घर बना लिए हैं। ऐसे में गर्मी के दिनों में अग्निकांड की घटना होने पर कुंए की अहमियत का पता चलता है। गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मी के साथ चल रही तेज हवाओं के दौरान कहीं भी अग्निकांड की घटना होने पर आधे घंटे के अन्दर ही सबकुछ जलकर खाक हो जाता है। गांवों में अग्निकांड की घटनाएं होने पर पुराने सार्वजनिक कुएं बहुत याद आते है। गांव के बुजुर्ग ह्रदयराम, नानमून, तुलसीराम, बाबूराम आदि लोगो...