गिरडीह, अप्रैल 17 -- रेम्बा, प्रतिनिधि। जमुआ प्रखंड के रेम्बा में स्थित ऐतिहासिक मठ अपनी बदहाली पर चार-चार आंसू बहाने को मजबूर है और अब यह एक ऐतिहासिक भग्नावशेष के रूप में तब्दील हो चुका है। आज भी मठ पास कई तालाब कई एकड़ कृषि योग्य भूमि तथा अन्य परिसंपत्तियां हैं लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण वे अब लूटे जा रहे हैं। धार्मिक न्यास ट्रस्ट भी निष्क्रिय हो गया है। बताया जाता है कि उक्त मठ मुगल काल से अस्तित्व में है। मठ का इतिहास: किंवदंति है कि यह क्षेत्र पहले सघन जंगलों से आच्छादित था। इस वन क्षेत्र में एक तपस्वी तपस्या कर रहे थे और बाघ उनके बगल में बैठा रहता था। इसी क्रम में राजधनवार स्टेट के राजा इस क्षेत्र से गुजर रहे थे और उन्हें प्यास लगी। पानी की तलाश में वे तपस्वी के तपस्या स्थल पर पहुंच गए। राजा ने देखा कि एक तपस्वी तपस्या कर रहे हैं...