गया, मार्च 11 -- कोई भी व्यक्ति समाज के बिना नहीं रह सकता। क्योंकि यह हमें नाम, पहचान और लोगों का समर्थन देता है। आजकल शिक्षा की समझ में काफी बदलाव आया है। क्योंकि पहले इसका प्रयोग मुक्ति के लिए किया जाता था, लेकिन आज इसका प्रयोग नियुक्ति के लिए किया जाता है। उक्त वक्तव्य दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने सोशियोलॉजिकल स्टडीज विभाग द्वारा सामाजिक कार्य शिक्षकों के लिए सामाजिक सुरक्षा मुद्दों पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, 2025 के उद्घाटन सत्र में कही। राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान (एनआईएसडी), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की ओर से प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने इस तथ्य पर जोर दिया कि भारतीय समाज में संसाधनों ...