पूर्णिया, फरवरी 20 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। छत्रपति शिवाजी सेवा संघ के तत्वाधान में शिवाजी की जयंती मनाई गई जिसमें जगतगुरू शंकराचार्य विचार मंच भी सम्मिलित हुआ। वर्तमान समय में शिवाजी के सिद्धांत और आदर्श को समाज में संप्रेषण करने की आवश्यकता है। जगतगुरु शंकराचार्य विचार मंच के जिला संयोजक किशोर मृणाल अमित ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रिटिश लेखकों ने जब इतिहास को लिखा तो उन्होंने राजाओं के बीच होने वाले संघर्षों को धार्मिक घुमाव दे दिया। शिवाजी महाराज मुस्लिम विरोधी थे। यह धारणा राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाई गई, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। जब शिवाजी आगरा के किले में नजरबंद थे तब कैद से निकल भागने में जिन दो लोगों ने उनकी मदद की उनमें से एक मुसलमान था जिसका नाम मदारी मेहतर था जो उनके निजी अंगरक्षकों में...