बरेली, अगस्त 1 -- श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित मधुर गोपाल शास्त्री ने मंगलाचरण का वर्णन करते हुए कहा कि मंगलमय प्रभु को वंदन नमन ही मंगलाचरण है। रामलीला मैदान में बने राम जानकी विवाह स्थल मंच से अपने संबोधन में भगवताचार्य व ज्योतिषाचार्य पंडित मधुर गोपाल दास शास्त्री ने कहा जिसका जीवन मंगलमय उसको वंदन नमन और उसका सतत चिंतन करने से जीव का सभी प्रकार से कल्याण होता है। श्रीमद भागवत कथा का नित्य श्रवण करने से मनन चिंतन और पूजन से ही परमात्मा में भक्ति दृढ़ होती है। उन्होंने कहा कि समस्त शास्त्रों का सार ही श्रीमद भागवत कथा का श्रवण है। वेद व्यास जी को शास्त्रों की रचना के बाद असंतोष हुआ तो वरहमदिश नादर जी ने व्यास जी को चतुश्लोकि भागवत प्रदान करके श्रीमद भागवत में भक्त और भगवान की महिमा का वर्णन किया। शाम 5 बजे से शुरू हुई श्रीमद भागवत...