नई दिल्ली, जुलाई 17 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को एक याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में चिकित्सा उपचार के दौरान समलैंगिक साथियों को चिकित्सा प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने भारत सरकार को एक महिला द्वारा दायर याचिका पर चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह महिला वर्ष 2015 से अपने साथी के साथ रिश्ते में है। दोनों ने 2023 में न्यूजीलैंड में शादी कर ली। पीठ ने सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा कि अगर व्यक्ति अनाथ है ऐसे हालात में क्या होगा? उसके लिए सहमति कौन देगा? याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान दावा किया न केवल समलैंगिक जोड़ो के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी नियम में यह बड़ी खामी है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मंजिरा दासगु...