दरभंगा, जून 29 -- दरभंगा। आनंद सत्संग आश्रम, वैदेही नगर, छपकी पररी, लक्ष्मीसागर में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के छठे दिन शनिवार को आचार्य वेदानन्द शास्त्री ने कहा कि गठबंधन अर्थात दुनिया से सभी बंधनों से अपने को मुक्त करने या काटने का सबसे बड़ा शस्त्र है 'महारास। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को रास प्रसंग में भाग लेना चाहिए। रास से मनुष्य के जीवन का ह्रास मतलब कमजोरी खत्म होती है, जीव मुक्त हो जाता है स्वछंद हो जाता है। यह समर्पित प्रेम का द्योतक है।
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