नई दिल्ली, सितम्बर 22 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान अहम टिप्पणी की है। उच्चतम न्यायालय ने द वायर मीडिया आउटलेट से संबंधित मामले पर विचार करते हुए कहा है कि मानहानि के मामलों को आपराधिक श्रेणी से हटाए जाने का समय आ गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के अपने एक फैसले में आपराधिक मानहानि कानूनों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था। इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था कि प्रतिष्ठा का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और सम्मान के मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है। अब कोर्ट ने इससे अलग टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की है जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की एक प्रोफेसर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में न्यूज आउटलेट द वायर को जारी समन को चुनौती दी ...
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