प्रयागराज, अक्टूबर 9 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि लोक अदालत को किसी पक्ष की अनुपस्थिति मात्र के आधार पर लंबित शिकायत को खारिज करने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जहां कोई समझौता या समाधान नहीं हो पाता है, वहां लोक अदालत को मामले को संबंधित न्यायालय को वापस कर देना चाहिए। न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने राजीव जैन की याचिका पर कहा कि लोक अदालत पक्षकारों की सहमति प्राप्त किए बिना और शिकायतकर्ता को कोई सूचना दिए बिना स्वप्रेरणा से मामले की सुनवाई नहीं कर सकती। इसी के साथ कोर्ट ने लोक अदालत के नौ दिसंबर 2017 के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति के कारण चेक बाउंस की शिकायत खारिज कर दी थी। कोर्ट ने मामले को सीजेएम एटा को भेज दिया ताकि उसे लोक अदालत में भेजे जाने और खारिज किए जान...