लखनऊ, जून 5 -- शैलेंद्र श्रीवास्तव, लखनऊ शहरों में मकान बनवाने वालों पर आठ से नौ तरह के शुल्क का बोझ बढ़ सकता है। उच्च स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से इस पर राय मांगी गई है। उनसे पूछा गया है कि जरूरतों के आधार पर कितना शुल्क लगाया जा सकता है। इसके आधार पर नगर योजना एवं विकास अधिनियम में इसका प्रावधान किया जाएगा। आवास विभाग मौजूदा समय भवन विकास एवं निर्माण उपविधि के साथ नगर योजना एवं विकास अधिनियम बनाने की कवायद में जुटा हुआ है। भवन विकास एवं निर्माण उपविधि के प्रारूप को लगभग अंतिम रूप से दिया गया है। नगर योजना एवं विकास अधिनियम को बनाने पर मंथन चल रहा है। इसमें मौजूदा जरूरतों के आधार पर कई तरह के प्रावधान किए जाने हैं, जिससे विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के साथ ही...
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