नई दिल्ली, नवम्बर 3 -- औरंगाबाद की धरती सदियों से संघर्ष, स्वाभिमान और विकास की पुकार की साक्षी रही है। यहां की जनता ने हमेशा उस नेतृत्व को सिर आँखों पर बिठाया है जो जनसेवा को राजनीति से ऊपर रखता है। आज इसी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए एनडीए समर्थित भाजपा प्रत्याशी त्रिविक्रम नारायण सिंह मैदान में हैं -एक ऐसे प्रत्याशी जिनकी राजनीति वादों की नहीं, बल्कि विश्वास और विकास की राजनीति है। त्रिविक्रम नारायण सिंह का व्यक्तित्व उस नयी पीढ़ी के नेता का प्रतीक है जो राजनीति को समाज परिवर्तन का माध्यम मानते हैं। वर्षों से क्षेत्र की जनता के सुख-दुख में शामिल रहते हुए उन्होंने यह सिद्ध किया है कि वे केवल चुनाव के समय नहीं, बल्कि हर संकट की घड़ी में जनता के साथ खड़े रहते हैं। उनका लक्ष्य है- "सत्ता नहीं, सेवा", और इसी भावना के साथ वे जनता से आशीर्वाद ...