लखनऊ, अक्टूबर 7 -- बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि कांशीराम के प्रति समाजवादी पार्टी व कांग्रेस का रवैया हमेशा से घोर जातिवादी व द्वेषपूर्ण रहा है। इसीलिए 9 अक्तूबर को उनके परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी आदि करने की सपा प्रमुख की घोषणा घोर छलावा है। इनके मुंह में राम बगल में छुरी की कहावत को चरितार्थ करने वाला ज्यादा लगता है। मायावती ने वाल्मीकि जयंती पर लोगों को बधाई दी है। मायावती ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा है कि देश में जातिवादी व्यवस्था के शिकार करोड़ों दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े बहुजनों को शोषित से शासक वर्ग बनाने के डा. भीमराव अंबेडकर के मिशनरी कारवां को जिंदा रखने का काम बसपा संस्थापक कांशीराम ने किया है। सपा ने न केवल कांशीराम के जीते-जी उनके साथ दगा करके उनके मूवमेंट को यूपी में कमजोर करने की लगातार कोशिशें कीं हैं, बल्कि...
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