संभल, अगस्त 21 -- जिले के हजारों प्रतियोगी छात्र-छात्राएं सरकारी नौकरी का सपना लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। लेकिन इस सफर में उन्हें सही मार्गदर्शन और सुविधाओं की भारी कमी झेलनी पड़ रही है। जिले में संचालित 12 कोचिंग संस्थानों में लगभग 600 छात्र पढ़ते हैं, लेकिन ये संख्या जरूरत के मुकाबले बेहद कम है। अभ्युदय योजना जैसे सरकारी प्रयास भी युवाओं की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे। हर प्रतियोगी छात्र-छात्रा का सपना होता है, उसे उसके मन की सरकारी नौकरी मिल जाए। इसे पाने के लिए वह दिन-रात एक कर देता है। मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रशासनिक सेवाओं से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र-छात्राएं कोचिंग का सहारा लेते हैं। जिले में इसको लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं हैं। इसके लिए गांव-कस्बों के बच्चे बड़े शहर जाने को मजबूर हैं। सरकार अभ्युदय य...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.