रुडकी, मार्च 1 -- जगदगुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम ने कहा है कि सनातन संस्कृति व वैदिक ज्योतिष आपस में एक दूसरे को जोड़ते हैं। यह बात उन्होंने शनिवार को रुड़की में आयोजित अखिल भारतीय ज्योतिष धर्म अध्यात्म महासम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहे। उत्तराखंड ज्योतिष परिषद की ओर से आयोजित सम्मेलन में देश भर से दो सौ से अधिक विद्वान ज्योतिषचार्यों ने भाग लिया। जगदगुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम ने कहा कि ज्योतिष सनातन धर्म की सबसे प्राचीन विद्या है। भारतीय सनातन संस्कृति एक ऐसा संसाधन है, इसके माध्यम से आप संसार में रहते हुए संसार से जब आप जाएंगे और उसके बाद भी आपके कल्याण की व्यवस्था की गई है। सनातन संस्कृति में हम जीवन भर भगवान का भजन कर सकते हैं। हम अपने जीवन में पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि हमारे परंपरागत जो हमारे वंश हैं। वह हमारे लि...
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