प्रयागराज, नवम्बर 17 -- परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानंद सरस्वती के सान्निध्य में सोमवार को परमार्थ संगम घाट पर भारतीय संस्कृति, वेदमंत्रों और आध्यात्मिक शक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। परमार्थ संगम घाट पर आयोजित दिव्य गंगा आरती से अरैल की पावन भूमि एक बार फिर अध्यात्म, संस्कृति और समर्पण की उज्ज्वल ऊर्जा से आलोकित हो उठी। मंत्रोच्चार, दीपशिखाओं और भजनों की सुरलहरी से संगम तट का वातावरण पावन हो उठा। आरती के दौरान सभी ने स्वयं को आध्यात्मिक रूप से जागृत, ऊर्जावान और भावविभोर महसूस किया। इस मौके पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि प्रयागराज भारत की आध्यात्मिक धड़कन और सनातन संस्कृति का शक्तिपीठ है। यहां की हवा में अध्यात्म बसता है, जल में संस्कृति बहती है और भूमि पर सेवा की परंपरा जीवित रहती है। स्वामी जी ने सभी श्रद्धालुओं और स...