सुल्तानपुर, नवम्बर 5 -- कादीपुर, संवाददाता। सनातन परम्परा केवल अपने और अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि सम्पूर्ण सृष्टि के लिए सोचने वाली परम्परा है। इस विचार को हमें हमेशा याद रखना चाहिए। भारत केवल भूखंड नहीं है। यह दर्शन , दृष्टि और विचार है । पूरी पृथ्वी हमारा परिवार है, सब लोग सुखी रहें यह हमारी परंपरा रही है। यह बातें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहीं। वह अल्देमऊ नूरपुर में सत्यनाथ मठ पर चल रहे बाबा सत्यनाथ महोत्सव के दूसरे दिन आयोजित राष्ट्रीय परिचर्चा को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा भारतीय शास्त्रों में बताया गया है कि महिला, पुरुष से श्रेष्ठ है। महिला पुरुष को बराबर मानने पर अनेक तरह के असंतुलन पैदा होंगें। भारत में प्राचीन काल से ही महिलाएं शक्ति की प्रतीक रही हैं। ...