आरा, मई 4 -- आरा। साहित्य और अध्यात्म परिषद के तत्वावधान में श्री रामानुजाचार्य स्वामी की जयंती पर विद्वत संगोष्ठी सह काव्य पाठ का डॉ नथुनी पांडेय की अध्यक्षता में हुआ। मौके पर रमेश सिंह रामप्रपन्न ने कहा कि आध्यात्मिक क्रांति, समाज सुधारक, महापुरुष श्रीरामानुज स्वामी सबके लिए भक्ति मार्ग का दरवाजा खोल दिए। भक्ति और शरणागत की सुरसरि प्रवाहित कर प्रभु को सबके लिए सुलभ कर दिए। डॉ नथुनी पांडे ने कहा कि श्री रामानुज स्वामी वैदिक सनातन धर्म संस्कृति के अद्वितीय संरक्षक थे। राजेंद्र शर्मा पुष्कर ने कहा की श्री रामानुज स्वामी ने श्री वैष्णव भक्ति प्रवाह को ऐसी सार्थक दिशा प्रदान की, जिसका संबल पाकार मानव अपना परिष्करण एवं उन्नयन सहज ही कर सकता है। विष्णु देव सिंह ने कहा कि रामानुज स्वामी 11वीं सदी के संत थे। गिरीश सिंह , डॉ किरण कुमारी, मनोज कुम...