सीवान, नवम्बर 25 -- गुठनी,एक संवाददाता। जीवन जीना सीखना है तो श्रीरामायण से सीखो और मरना सीखना है तो भागवत गीता से सीखो। त्रिवेणी संगम में गंगा, जमुना, सरस्वती का मिलन होता है। मिलन में गंगा जमुना तो दिखाई देती हैं। लेकिन, सरस्वती को कोई नहीं देख पाता, सरस्वती को देखने के लिए कई बार प्रयास करने पड़ते हैं। लेकिन सफलता नहीं मिलती। इसी तरह गीता में विज्ञान, वैराग्य और भक्ति है। लेकिन विज्ञान और वैराग्य तो दिखाई देता है। लेकिन भक्ति नहीं दिखाई देती, भक्ति को देखने के लिए लीन होना पड़ता है। यह वचन कथा व्यास अमित जी महाराज ने दमोदरा चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के दौरान दिए। इसके अलावा व्यास नारद संवाद परीक्षित जन्म वक्ता के दस लक्षण, रसिका भूवि भाविका, कुंती चरित्र, विदुर मैत्री प्रसंग की कथा श्रवण कराई। दमोदरा निवासी ललन शास्त्र...
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