कन्नौज, मई 11 -- छिबरामऊ, संवाददाता। नगर के पूर्वी बाइपास पर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में परम पूज्य महात्मा मुखी राजकुमार गुप्ता ने अपने अनमोल वचनों में कहा कि भक्ति विश्वास के बिना नहीं होती। भक्ति का मतलब परमात्मा से जुड़ना हैं। परमात्मा से जुड़ने से पहले सदगुरु से जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि परमशक्ति परमात्मा का अहसास सदगुरु के बिना संभव नहीं है। सदगुरु पर विश्वास कि मेरा सदगुरु समर्थ हैं। यह मुझे मेरे प्रभु से मिला देगा। विश्वास इस ज्ञान पर कि यही सच्चा ज्ञान है। इसके माध्यम से आत्मा और परमात्मा का मिलन संभव हो सकता है। वह कहते हैं कि विश्वास हमें अपने ईश्वर, प्रभु, परमात्मा पर कि हां यही परमतत्व है। यही सर्वशक्तिमान प्रभु है, जो कण-कण में समाया हुआ है। यही सृष्टि का मालिक है। सबका रचनहार है। पूरा ब्राह्मांड इसी ब्रह्म में समाया...