मुंगेर, जुलाई 11 -- मुंगेर, हिन्दुस्तान संवाददाता। संन्यास पीठ पादुका दर्शन में चल रहे पांच दिवसीय गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम का समापन गुरुवार को स्वामी निरंजनानंद सरस्वती के व्याख्यान तथा भजन-कीर्तन व हवनादि के साथ संपन्न हुआ। अंतिम दिन स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि सद्गुरु गायत्री हमारे जीवन व मन के अभावों को दूर कर एक लक्ष्य स्थापित करने में हमारी सहायता करती है। यह हमें खुद के साथ व दूसरों के साथ सत्संबंध का निर्माण करने में भी सहायक है। स्वामी जी ने कहा कि यह न केवल आपके व हमारे लिए बल्कि पूरी मानवजाति के लिए अद्भुत प्रसाद है। इस गायत्री का पाठ करते समय हमें अपना ध्यान ह्रदय क्षेत्र में केन्द्रीत करना चाहिए। यह हृदय को निश्चल और सरल बनाकर रचनात्मक गुणों की अभिव्यक्ति को बढ़ावा देगी। हृदय क्षेत्र में जो ज्योति है वह ऊष्मा का ज्योति...