सिमडेगा, मई 7 -- सिमडेगा, जिला प्रतिनिधि। विश्व थैलेसीमिया दिवस प्रत्येक वर्ष आठ मई को मनाया जाता है। इसका उददेश्य थैलेसीमिया रोग के बारे में जागरुकता फैलाना, इसके लक्ष्ण, उपचार के बारे में ग्रामीणों को जानकारी देना। सदर अस्पताल के डीएस डॉ राजेश कुमार ने बताया कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है। जिसमें हीमोग्लोबिन का उत्पादन कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन को ले जाता है। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया रोग से पीड़ित लोगों में एनिमिया सहित अन्य जटिलताएं हो सकती है। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया दो प्रकार की हो सकती है अल्फा थैलेसीमिया और बीटा थैलेसीमिया। डॉ राजेश कुमार ने बताया कि शरीर में थकान और कमजोरी, त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, हड्डियों की बनावट में बदलाव, विकास में देरी...