बोकारो, मई 22 -- सदर अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर दिखावा साबित हो रहा है। सड़क हादसे में घायल गंभीर मरीजों को इसमें इलाज करने के वजाए तुरंत हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जाता है। दो साल में एक भी गंभीर रूप से घायल मरीज का इलाज इसमें नहीं किया गया। जानकार बताते हैं कि ट्रॉमा सेंटर के लिए अलग से आर्थोपेडिक सर्जन, कार्डियक सर्जन, न्यूरो सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट होना चाहिए जो यहां उपलब्ध नहीं है। साथ ही इसमें जरूरी उपकरण व संसाधन की भी व्यवस्था नहीं है। इस बावत सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि दो साल पहले इसे शुरू किया गया था। इसके लिए स्पेशल आवंटन नहीं आया है। आवंटन आने पर इसे विकसित किया जाएगा। दो बेड का है ट्रॉमा सेंटर ट्रॉमा सेंटर के नाम पर सिर्फ दो बेड लगा है। इसमें मरीजों का इलाज करने के वजाए दोनों बेड का इस्तेमाल रात में आराम करने के...