कन्नौज, नवम्बर 9 -- छिबरामऊ, संवाददाता। नगर के पूर्वी बाईपास पर संत निरंकारी सत्संग भवन, में आयोजित सत्संग में परम पूज्य महात्मा राजकुमार गुप्ताजी ने सत्संग में कहा कि जो मानव अपनी अहंता को मिटा देता है, वही निराकार प्रभु को पा सकता है। उन्होंने कहा कि बिना प्रभु के प्रेम के साध-संगत से प्रेम संभव नहीं, और बिना साध-संगत के प्रेम के कोई मनुष्य से प्रेम नहीं कर सकता। प्रेम के बिना जीवन निरर्थक हो जाता है। मन बुराई की ओर अग्रसर होता है। सत्संग मन को सही दिशा देता है। जिससे लोक सुखी और परलोक सुहेला होता है। महात्मा गुप्ताजी ने कहा कि आज का मनुष्य कर्मकांडों में उलझकर अज्ञानता में नफरत के बीज बो रहा है। जिससे वह स्वयं का नुकसान कर रहा है। गुरुओं, पीरों और पैगंबरों का नाम लेकर धर्म को हानि पहुंचाने वाले नहीं जानते कि सभी धर्म प्रेम, नम्रता, करु...