मुंगेर, मई 19 -- संग्रामपुर, एक संवाददाता। रतनपुरा गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यज्ञ के मौके पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन अयोध्या से आईं कथा वाचिका वंदना किशोरी ने कहा कि मनुष्य जीवन एक काजल की कोठरी की तरह है। जाने-अनजाने में मनुष्य से प्रतिदिन कई पाप होते हैं। इन पापों का ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही मुक्ति का एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने से ही प्रभु की प्राप्ति होती है। सत्संग में वह शक्ति है, जो मनुष्य के जीवन को बदल देती है। प्रत्येक मनुष्य को जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए। अगर इंसान को जीवन में मान, सम्मान बड़ा पद या प्रतिष्ठा मिला है, तो उसे ईश्वर की कृपा मानकर भलाई...