मथुरा, जुलाई 1 -- पत्थरपुरा स्थित श्रीगोपालजी मंदिर में चल रहे श्रीमहंत अच्युतानंद दास के 19वें त्रिदिवसीय वार्षिक तिरोभाव महोत्सव के तीसरे दिन महाराज की समाधि का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया। तत्पश्चात महामण्डलेश्वरों, महंतों व महंतों का सम्मान किया गया। अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री ने कहा कि मानव जीवन में सत्संग की अपार महिमा है। सत्संग के बिना जीवात्मा का परमात्मा से मिलन असंभव है। कलाधारी आश्रम के महंत जयराम दास ने कहा कि जिस प्रकार वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते और नदी अपना पानी स्वयं नहीं पीती, उसी प्रकार संत भी अपनी साधना का फल मानव कल्याण में ही लगाते हैं। डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि संतों का पृथ्वी पर प्रादुर्भाव केवल परोपकार के लिए ही होता है। इस अवसर पर श्रीमहंत लाड़िली शरण, चतु: संप्रदाय के...