रांची, सितम्बर 5 -- रांची, वरीय संवाददाता। जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र का शुक्रवार को कार्निवाल बैंक्वेट हॉल में आयोजन हुआ। इसमें विहंगम योग के संत विज्ञान देव का आगमन हुआ। उनके दिव्य प्रवचन और ध्यान साधना ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति और जीवन के नए दर्शन से परिचित कराया। संत प्रवर जी ने अपने प्रवचन में कहा कि सत्संगति हमारे जीवन को निखारती है। मानव जीवन का उद्देश्य केवल शरीर की पुष्टि और इन्द्रियों की तृप्ति तक सीमित नहीं है। जीवन का असली मकसद है लोककल्याण, आत्मजागरण और ईश्वर-साक्षात्कार। उन्होंने समझाया कि जीवन की सभी जटिलताओं की जड़ मन में छिपी होती है। यदि मन साध लिया जाए तो जीवन स्वयं सरल हो जाता है। अपने प्रवचन में उन्होंने विहंगम योग के प्रणेता अनन्त सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज की तपस्या और साधना का उल्लेख करते हुए...