देहरादून, नवम्बर 27 -- श्रीमद् भागवत वह दर्पण है, जिसके सामने बैठकर यह हमें अपना लोक परलोक संवारना है। इसका आरंभ सच्चिदानंद से होता है। सत जीवन का आधार बनाकर लक्ष्य परम होना चाहिए। यानी सबसे पहला लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है। यह बात गुरुवार को मंदाकिनी विहार सहस्त्रधारा रोड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर कथावाचक आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कही। कथा विराम पर भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें ब्रह्म कुमार शर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष कांग्रेस लाल चन्द शर्मा, वत्स शर्मा, प्रियंका शर्मा, सानवि शर्मा, नंदिनी, डॉ. वत्सला मलेठा, डॉ. मुकुल मलेठा, उषा गोदियाल, मधु सजवाण, डॉ. रीना कुलश्रेष्ठ, डॉ. अमिता श्रीवास्तव, डॉ. सविता चोनियाल, डॉ. पुष्पेंद्र शर्मा, कुलदीप सिंह रावत, आचार्य संदीप बहुगुणा, आचार्य हिमांशु मैठाणी, आचार्य जितेंद्र धस्माना,...
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