मैनपुरी, सितम्बर 1 -- दसलक्षण महापर्व के पांचवें दिन श्री चंद्रप्रभु जैन मंदिर में उत्तम सत्य धर्म पर विशेष प्रवचन का आयोजन किया गया। प्रख्यात जैन विद्वान पंडित अभिनय शास्त्री ने श्रद्धालुओं को सत्य धर्म का वास्तविक मर्म समझाया। कहा कि सत्य का अर्थ केवल कठोर वाणी नहीं, बल्कि हितकारी, मित और प्रिय वचन बोलना ही सच्चा सत्य है। जैन विद्वान ने कहा कि सत्य आत्मा का स्वभाव है, जिसे धारण करने से ही जीवन में कल्याण संभव है। असत्य के प्रसार से समाज में कटुता और अविश्वास बढ़ रहा है। इसलिए बच्चों को प्रारंभ से ही सत्य बोलने की शिक्षा देना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सत्य केवल वाणी तक सीमित नहीं है, बल्कि मन और कर्म से भी उसका पालन जरूरी है। जब मन, वचन और कर्म में एकरूपता आती है, तभी व्यक्ति सच्चे अर्थों में सत्य धर्म का पालन करता है। उन्होंने र...