बागपत, अगस्त 7 -- बरनावा के श्री चंद्रप्रभू दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 41 दिवसीय शांतिनाथ विधान के चौथे दिन बृहस्पतिवार को श्रद्धालुओं नेभक्तिभाव के साथ 120 अध्र्य समर्पित कर भगवान चंद्रप्रभू की पूजा-अर्चना की। विधान में पंडित प्रदीप पीयूष शास्त्री जबलपुर के निर्देशन में श्रद्धालुओं ने भगवान श्री का अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन की क्रियाएं संपन्न की। इस अवसर पर पंडित ने कहा कि संसारी जीव परमात्मा की भक्ति संसार की सुख सुविधाओं के लिए करता है, परंतु संसार के सुख इंद्रिय सुख है। इंद्रिय सुखों की पूर्ति ना आज तक किसी को हुई है ना आगे कभी होने वाली है। उन्होंने कहा कि सत्कर्म से कमाया गया धन ही फलदायी होता, सुख और शांति का अनुभव कराता है। अधिक पैसे की अभिलाषा रखना वाले इंसान गलत रास्ते पर चलते है, सुख उनसे दूर चला जाता है। कालांतर में वे दुर्ग...