इटावा औरैया, दिसम्बर 18 -- उदी। क्षेत्र के गांव बेला यमुना किनारे स्थित महर्षि बाल्मीकि आश्रम पर जारी श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास राहुल त्रिपाठी ने द्रोपदी चीर हरण, अनुसुइया चरित्र, सृष्टि विस्तार व सती महिमा के प्रसंग सुनाए। महापतिव्रता सती अनुसुइया की कथा में आचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पत्नी द्वारा पति के प्रति निभाई जाने वाली पूर्ण निष्ठा कर्तव्य व समर्पण भाव ही पति व्रत धर्म है। सती अनुसुइया महर्षि अत्रि की पत्नी थी जो अपने पति व्रत धर्म के कारण सभी लोकों में प्रख्यात थी। भगवान राम सीता व लक्ष्मण जब वनवास पर थे तब उन्होंने भी उनके आश्रम पर पहुंच कर भेंट की थी और उनका स्नेह व आशीर्वाद प्राप्त किया था। व्यास ने कहा कि सती अनुसुइया के जीवन से यह भी प्रेरणा मिलती है कि मन की पवित्रता और सात्विक विचार व्यक्त...