औरंगाबाद, जून 17 -- पटना-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित अंबा का सतबहिनी मंदिर भक्ति, शक्ति और स्थापत्य कला का अनूठा प्रतीक है। यह मंदिर मां दुर्गा के सात स्वरूपों को समर्पित है। यह शक्ति उपासना का प्राचीन केंद्र होने के साथ अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। मंदिर की स्थापत्य शैली इसे और भी खास बनाती है। उत्तर भारत में प्रचलित नागर शैली से अलग, यह मंदिर दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली में निर्मित है। उंचे गोपुरम, जटिल नक्काशी और समृद्ध सौंदर्य इसकी वास्तुकला की विशेषताएं हैं। सतबहिनी मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। कथाओं में कहा जाता है कि इस स्थान पर एक स्वर्णकार समाज की महिला सती हुई थी, जिसके बाद यह स्थल सती माई के मंदिर के नाम से जाना गया। बाद में एक संत को यहां मां दुर्गा के सात स्वरूपों का दर्शन...