प्रयागराज, मार्च 9 -- प्रयागराज।'कानून, प्रौद्योगिकी और सतत विकास पर डा. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में सम्मेलन का आयोजन किया गया। शनिवार को भविष्य में सतत प्रगति और तकनीकी परिवर्तन के विषय पर विमर्श हुआ। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने सभी को मानसिकता बदलने के लिए प्रेरित किया। कहा, सतत विकास की योजना बनाना महत्वपूर्ण है लेकिन इन योजनाओं का कार्यान्वयन कमजोर साबित हो रहा है। अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय देकर कई दिशानिर्देश जारी किए। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा हो रही है। इसी क्रम को बढ़ाते हुए आकलैंड विश्वविद्यालय के प्रो. क्लाउस बोसेलमैन ने डिजिटल साक्षरता को संदर्भित कर कार्बन फुटप्रिंट, न्यायिक जवाबदेही, साइबर सुरक्षा की र...
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