बलरामपुर, दिसम्बर 4 -- बलरामपुर, संवाददाता। नगर की सड़कों पर आए दिन बेसहारा बेजुबान वाहनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। इनके शवों के निस्तारण को लेकर शहर में पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। नगर पालिका कर्मी पशुओं के शवों को दिपवा बाग के निकट एक निर्जन स्थान पर ले जाकर निस्तारित करते हैं। सेवकरामपुरवा गांव स्थित कान्हा गोशाला के बगल जमीन में भी पशुओं के शव दफनाए जाते हैं। नगर क्षेत्र में पशुओं के आश्रय व शवों के निस्तारण की ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी है। नगर कोतवाली के पीछे बना कांजी हाउस वर्ष 1998 में ही बंद हो गया था। इसका मुख्य कारण यह रहा कि कोई भी यहां जानवरों को बंद कराने नहीं आता था। सड़कों पर घूमते बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशाला में संरक्षित किया जाता था। वहीं सांड़ को पकड़ने के लिए किराये पर बंजारे बुलाए जाते थे। आठ से 10 बंजारे ...