जमशेदपुर, जून 24 -- कभी सरकारी लाल बसों और साइकिलों की रफ्तार से दौड़ने वाला जमशेदपुर अब पूरी तरह निजी वाहनों के हवाले है। 1970 के पहले तक यहां सरकारी लाल बसें चलती थीं। किराया सिर्फ पांच-दस पैसे होता था। आज सड़कें बाइक, कार और ऑटो से पट चुकी हैं, लेकिन सरकारी परिवहन कहीं नहीं दिखता। कामकाजी वर्ग साइकिल की जगह स्कूटर या मोटरसाइकिल का उपयोग करने को मजबूर है। कम आय वाले कर्मचारियों पर यात्रा खर्च अतिरिक्त बोझ बनकर उभरा है। लगभग 20 प्रतिशत परिवहन खर्च बढ़ा है। एक समय शहर में 350 मिनी बसें चलती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर लगभग 50 रह गई है। 1975 में शुरू हुई शिक्षित बेरोजगार मिनी बस एसोसिएशन, जिसने बेरोजगारों को रोजगार दिया था, अब दम तोड़ती नजर आ रही है। नगर परिवहन के अभाव में निजी दोपहिया वाहनों की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। वर्ष 2021 से ...