लातेहार, अगस्त 26 -- लातेहार संवाददाता। सड़कों पर घूमते आवारा कुत्ते और पशुओं से निजात दिलाने हेतु कुशल प्रबंधन की जरूरत है। कुत्ते पालने का प्रचलन भी इन दिनों काफी बढ़ा है। देशी व विदेशी कुत्तों को पालने का ट्रेंड दिख रहा है। प्रशिक्षण और कुत्तों के उचित देखभाल के अभाव में खतरनाक प्रजाति के कुत्ते आक्रमक होते जा रहे हैं। दिन में भी सुनसान स्थानों पर और शाम होते ही अंधेरा होने पर कुत्ते बच्चे, महिलाओं और बुजुर्गों को काटने के लिए दौड़ाते हैं। गली मुहल्ले में देर शाम होते ही आवारा कुत्तों का जमघट लग जाता है। कुत्ते न सिर्फ शाम को बल्कि दिन में भी स्कूल समेत आवश्यक कार्य से आने जाने वाले बच्चों को अपना शिकार बनाते है। कुत्ते समय समय पर मुर्गीयों, बकरियों समेत छोटे पशु पक्षी को अपना शिकार बनाते रहते है। लोग सुनसान रास्ते में संभल कर चलते है। ...