कौशाम्बी, जून 24 -- गम का महीना मोहर्रम का चांद गुरुवार को दिखाई देने पर शिया समुदाय ने अपने कार्यक्रमों की तैयारियां पूरी कर ली हैं। चांद दिखने के बाद से ही इलाके के सभी शिया समुदाय के इमामबाड़ों पर काले रंग के अलम का परचम लगा दिया जाएगा और शिया परिवार की महिलाएं, पुरुष, सभी काले वस्त्र धारण कर लेंगे। इतना ही नहीं बल्कि शहीदाने कर्बला के गम में महिलाएं अपनी चूड़ियां भी तोड़ दीं। गुरुवार से सभी इमामबाड़ों और इमाम चौक पर मजलिसों-मातम का दौर शुरू हो जाएगा। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए मोहर्रम का महीना गम का माना जाता है। इस माह की दस तारीख को यौमे आशूरा भी कहा जाता है। इस दिन चौदह सौ साल पहले इस्लाम धर्म के धर्म गुरु आखिरी नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ) के नवासे हजरत इमाम हुसैन (अ.स) के खानदान और तत्कालीन बादशाह यजीद के बीच बैयत को लेकर विवाद...
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